गद्दाफ़ी ने दिया भारत को न्यौता

गद्दाफ़ी ने दिया भारत को न्यौता

 

गद्दाफ़ी ने दिया भारत को न्यौता

गद्दाफ़ी ने भारत, चीन और रूस के राजदूतों से मुलाक़ात की है

लीबिया के शासक कर्नल गद्दाफ़ी ने चीन, भारत और रूस के राजदूतों से मुलाक़ात करके उनके सामने तेल उत्पादन की ज़िम्मेदारी संभालने का प्रस्ताव रखा है.

लीबिया में गद्दाफ़ी विरोधी प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद वहाँ वर्षों से तेल उत्पादन में लगी फ्रांसीसी, ब्रितानी, इतालवी और अन्य यूरोपीय देशों की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को स्वदेश बुला लिया है जिसकी वजह से उत्पादन ठप हो गया है.

लीबिया की सरकारी समाचार एजेंसी जाना ने ख़बर दी है कि "कर्नल गद्दाफ़ी ने चीन, भारत और रूस के राजदूतों से मुलाक़ात की है और उनसे अनुरोध किया है कि वे तेल उत्पादन का काम संभाल लें".

चीन की तेल कंपनी सीएनपीसी लीबिया में पहले ही सक्रिय रही है लेकिन वहाँ हंगामा शुरू होने के बाद उसने अपने अधिकतर कर्मचारियों को हटा लिया है.

कर्नल गद्दाफ़ी ने इससे 2 मार्च को कहा था कि अगर पश्चिमी देशों की कंपनियाँ वहाँ काम करने को तैयार नहीं हैं तो वे भारतीय और चीनी कंपनियों को बुला सकते हैं.

तेल उत्पादन वाले कई इलाक़े विद्रोहियों के क़ब्ज़े में आ गए थे और 19 फ़रवरी के बाद से लीबिया से तेल की कोई खेप देश से बाहर नहीं गई है.

उत्पादन ठप

इन दिनों लीबिया में तेल उत्पादन केंद्रों का नियंत्रण विद्रोहियों के हाथों से छीनने पर ही गद्दाफ़ी समर्थक सेना अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, ज़ाविया, रास लानूफ़ और ब्रेगा तेल उत्पादन के वे केंद्र हैं जहाँ लीबियाई सेना ने दोबारा नियंत्रण हासिल कर लेने का दावा किया है.

तेल उत्पादन केंद्रों से विद्रोहियों को हटाने का अभियान चल रहा है

अब लीबियन ऑयल कॉर्पोरेशन के हवाले से राष्ट्रीय टीवी नेटवर्क ने कहा है कि सभी तेल उत्पादन केंद्र सुरक्षित हैं और कर्मचारियों से काम पर लौटने को कहा जा रहा है और विदेशी कंपनियों से कहा जा रहा है कि वे तेल की ढुलाई का काम दोबारा शुरू करें.

फ्रांसीसी कंपनी तोताल ने शुक्रवार को बताया था कि लीबिया में तेल का उत्पादन 14 लाख बैरल प्रतिदिन से घटकर सिर्फ़ 3 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया है, विद्रोह शुरु होने से पहले लीबिया प्रतिदिन लगभग 17 लाख बैरल तेल का उत्पादन कर रहा था.

दुनिया के पेट्रोलियम बाज़ार में लीबिया का हिस्सा दो प्रतिशत है लेकिन लीबियाई तेल को काफ़ी अच्छी क्वालिटी का माना जाता है.

लीबियाई उत्पादन के घटने के सिलसिले में दुनिया के तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है और विश्व बाज़ार के लिए चिंता की कोई बात नहीं है


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गुर्जर आंदोलन: चार बिन्दुओं पर नहीं बनी सहमति

03/01/2011 19:58
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